Priyanka Verma

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लेखनी - अनजान सफर

अनजान सफर


सफर तो अनजाना ही था,
जब मिले थे हम दोनों,
लेकिन साथ चलते चलते,
कब एक दूजे के हमसफर बन गए,
पता ही नही चला...


खट्टे मीठे अनुभव लेकर,
जी रहे थे हम दोनों,
लेकिन एक दूसरे में घुलते मिलते,
कब अजनबी से, एक हो गए हम दोनों
पता ही नहीं चला...


सुख दुख जीए हमने ,

हंसे और रोए भी साथ साथ

कब इक अनजान सफर से,

 उम्र भर का साथ बन गया, हमारा

पता ही नहीं चला..



प्रियंका वर्मा
18/7/22

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

19-Jul-2022 06:28 PM

बहुत खूबसूरत

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shweta soni

19-Jul-2022 02:44 AM

Bahot badiya 👌

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सिया पंडित

19-Jul-2022 01:28 AM

बहुत खूब

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